The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव भजन
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत Shiv chaisa कथा
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ Shiv chaisa अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
जय जय जय अनन्त अविनाशी। Shiv chaisa करत कृपा सब के घटवासी॥